कांटे की टक्कर में बमुश्किल चुनाव जीते बीजेपी से उज्जैन के मेयर मुकेश टटवाल का एक फोटो सोशल मीडिया पर सुबह से वायरल हो रहा है। इस फोटो में भी महाकाल के मंदिर में मौजूद है और महाकाल बाबा से टिके हुए एक अजीब सा पोज बनाए हुए नजर आ रहे हैं। धार्मिक स्थानों पर इस तरह की मुद्रा में आमतौर पर कोई नजर नहीं आता और जब बात महाकाल की हो तो फिर बात अलग ही है।
दरअसल महाकाल को राजाधिराज कहा जाता है और वहां दर्शन के अपने नियम कायदे हैं। हैरत की बात यह है कि महापौर जी के ठीक पीछे बैठे हुए पुजारी भी उनसे कुछ नहीं कह रहे हैं और उन्हें इस फोटो को खिचवाने की मना भी नहीं कर रहे। हैरत की बात यह भी है कि महाकाल के मंदिर में किसी भी तरह से फोटो खींचना पूरी तरह से प्रतिबंधित है तो मेयर साहब को किसी ने रोका क्यो नही।कांग्रेस ने महापौर के इस तरह से फोटो की खिचाने को लेकर आपत्ति जताई है।
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कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा ने ट्वीट करके लिखा है “फर्जी तरीके से चुनाव जीते। अब आस्था के प्रति भी फर्जीवाड़ा और अशोभनीय व्यवहार उजागर। क्या है धर्म के ठेकेदारों का वास्तविक चरित्र! बाबा महाकालेश्वर के समक्ष आदर की बजाय आराम की मुद्रा में उज्जैन के महापौर मुकेश टटवाल। हिंदुत्व के फर्जी ठेकेदारों ,बताइए राजाधिराज हैं! उज्जैन महाकाल समिति के अध्यक्ष कलेक्टर होते हैं और इस मामले में कलेक्टर क्या कार्रवाई करेंगे यह भी देखने वाली बात होगी क्योंकि यह सीधे-सीधे भावनाओं से जुड़ा हुआ मुद्दा है और फोटो खींचने पर पूर्ण प्रतिबंध होने के बाद फोटो किसने खींची यह भी अपने आप में एक बड़ा सवाल है।