भोपाल डेस्क रिपोर्ट। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ स्वर्गीय बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) के साले और स्वर्गीय मधुलिका रावत के भाई यशोवर्धन रावत ने एक पोस्ट किया है। जिसमें उन्होंने खुद के लिए न्याय मांगा है। उनका आरोप है कि कि स्थानीय पुलिस को उनके खिलाफ मुकदमा तक दर्ज करने का आदेश दे दिया गया है।फेसबुक की एक पोस्ट पर स्वर्गीय बिपिन रावत के साले और स्वर्गीय मधुलिका रावत के भाई यशोवर्धन सिंह ने न्याय की गुहार की है ।
यशोवर्धन सिंह ने फेसबुक पर लिखा है कि “जिस दिन जीजाजी जनरल बिपिन रावत और जीजी मधुलिका रावत का अग्नि संस्कार किया जा रहा था उसी वक्त मौके का फायदा उठाते हुए भारत सरकार (Government Of India) के आदेश अनुसार शहडोल मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) स्थित हमारे निज निवास के परिसर से बिना भूमि अधिग्रहण किए अवैध रूप से समाधियो को नष्ट कर पेड़ों को काटकर नेशनल हाईवे का निर्माण किया जा रहा है। साथ ही हमारे किसी हस्तक्षेप पर स्थानीय पुलिस को भी हमारे खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया गया है। न्याय की दरकार”
दरअसल, 2015 में नेशनल हाईवे क्रमांक 43 कटनी से झारखंड के गुमला तक जो रोड बननी थी, वह रोड यशोवर्धन सिंह के सुहागपुर स्थित निवास के कैंपस से होकर निकल रही थी। इसका मुआवजा निर्धारण 2015 में हो चुका था लेकिन सड़क का निर्माण 2020 में शुरू हुआ। इसमें यशोवर्धन सिंह के पिता मृगेन्द्र सिंह जी और उनकी पत्नी सरला सिंह के नाम से मुआवजा हुआ। मुआवजे का अंश भी परिवार को मिल गया। पेड़ों का अंश नहीं दिया गया जबकि वे रातों-रात खेल काट दिये गए थे। वर्तमान कलेक्टर वंदना वैद्य ने यशवर्धन सिंह और उनकी पत्नी को बुलाकर सड़क निर्माण न होने देने का कारण पूछा।
यशवर्धन सिंह के अनुसार उन्होंने कहा कि वे किसी भी तरह की बाधा उत्पन्न नहीं कर रहे हैं। केवल बात इतनी है कि जितनी जमीन अधिग्रहण की गई है रउस पूरी जमीन का मुआवजा नहीं मिला है। इस पर कलेक्टर ने जब जमीन की नपती करवाई तो यशोवर्धन का दावा सही निकला और शेष मुआवजा देने का वादा भी प्रशासन ने कर दिया। लेकिन इस बीच जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी का हेलीकॉप्टर हादसे में निधन हो गया और यशोवर्धन दिल्ली चले गए। जब वे दिल्ली में स्व.बिपिन रावत और अपनी बहन की अंतिम यात्रा में थे तब उनके पास रोड बनाने वाली कंपनी के मैनेजर का फोन आया कि उनकी शेष जमीन पर भी सड़क निर्माण शुरू हो गया है और प्रशासन ने साफ तौर पर कहा है कि यदि यशोवर्धन या उनके परिवार का कोई भी व्यक्ति इस में बाधा डाले तो पुलिस उस पर सख्त कार्रवाई करेगी।
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Pooja Khodani
खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते।
"कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ।
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मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ।
इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।।
दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ।
झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।"
(पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)