जबलपुर के एक निजी कार्यक्रम में आई गायिका Anuradha Paudwal ने कहा कि गणपति त्यौहार 10 दिन तक चलता है और वहाँ सिर्फ विसर्जन के दौरान ही लाउडस्पीकर बजता है। मैं सनातन धर्म को मानने वाली हूं और धर्म का मतलब होता है कर्तव्य, हम सबका कर्तव्य यह है कि हमारी वजह से किसी को तकलीफ ना हो ऐसे में मेरे कहने का अर्थ यह है कि अगर एक व्यक्ति ऐसा करता है तो फिर दूसरा भी करेगा। हम मेले की तरह तेज शोर-शराबे के बीच तो रह नही सकते है कि हर रोज शोर हो, उन्होंने कहा इस बात को लेकर कोई भी बोलेगा कि मैं कोई राजनीतिक बोल, बोल रही हूं। पर मेरे दिल में हर धर्म के लिए इज्जत है।
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Anuradha Paudwal ने आगे कहा कि हमारी देश की जनता को किसी तरह की तकलीफ ना हो, मेरा यह सोचना है। इसलिए मैंने यह बात कही,उन्होंने बताया कि बीते 12 सालों से जगराते बंद कर दिए गए हैं। 10 बजे के बाद लाउडस्पीकर पर भी बैन कर दिया गया है। मैंने बीते 12 सालों से जगराते नहीं किए हैं क्योकि जगराते और गरबा को रात 10:00 बजे के बाद बंद कर दिया गया है। पौडवाल ने कहा कि मुंबई शहर में जहाँ लोग अपने काम से घर 9 बजे तक लौट कर आते हैं उसके बाद अगर 10 बजे वह जगराता और गरबा जाते है तो पता चलता है कि रात 10 बजे के बाद बंद लाउड स्पीकर बजाने की अनुमति नही है।
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Anuradha Paudwal ने कहा कि जगराता और गरबा हमारी देश की संस्कृति है हजारों सालों से हमारे देश में जगराता और गरबा का कल्चर चल रहा है, नवरात्रि में माता खुद गरबा खेलती है यह भी एक मान्यता है और यह सभी चीजें हमारी संस्कृति का एक हिस्सा है, उन्होंने कहा कि अगर कानून हो तो सभी के लिए हो।