नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। भारत सरकार इस समय ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों को राहत देते हुए वैकल्पिक स्त्रोत तलाशने में जुटी हुई है। सरकार चाहती है कि पेट्रोल डीजल की खपत कम हो, ताकि इंपोर्ट बिल कम हो जाए। वहीं देखा यह भी जा रहा है कि दूसरे देशों की तरह भारत में भी ऊर्जा की जरूरतें बदल रही है। तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में ऊर्जा की खपत बढ़ गई है, लेकिन गैस और तेल के लिए भारत आयात पर निर्भर है। ऐसे में सरकार चाहती है कि लोग सोलर एनर्जी (Solar Energy) की ओर रुख करें।
अगर ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों को अपनाया जाता है तो विदेशी मुद्रा भंडार को बचाने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण में काफी सहयोग होगा। ऊर्जा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए साल 2030 तक सरकार ने 40 फीसदी बिजली का उत्पादन गैर पारंपरिक तरीकों से करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके अलावा साल 2023 के आखिरी तक 100 गीगा वाट सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन का लक्ष्य भी रखा गया है। इसके लिए छतों पर सोलर पैनल लगाकर बिजली उत्पादन किया जाएगा। अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार लोगों को घर की छतों पर सोलर पैनल लगाने के लिए सब्सिडी भी दे रही है।