Employees Old Pension Scheme Benefit : कर्मचारियों को हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। दरअसल उन्हें पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलेगा इसके लिए निर्देश दिए गए हैं। हाई कोर्ट ने सुनवाई में स्पष्ट किया है कि भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने में हो रही देरी के लिए नियुक्तियों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। ऐसे में वंचितों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाना चाहिए। इसके लिए 12 सप्ताह का समय दिया गया है।
पुरानी पेंशन योजना का लाभ
मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा तमिलनाडु सरकार को निर्देश दिए गए हैं। जिनमें कहा गया है कि ऐसे पुलिस कॉन्स्टेबल दिन की भर्ती प्रक्रिया में 2002 में शुरू हुई थी। उन्हें पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाए। हाईकोर्ट ने अपनी सुनवाई में कहा है कि ऐसे कर्मचारी, जिन की भर्ती प्रक्रिया 2002 में शुरू हुई थी लेकिन उनकी नियुक्ति आदेश नवंबर 2003 में जारी किए गए हैं। उन्हें नई अंशदाई पेंशन योजना का लाभ देने की बजाए पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाना चाहिए। बता दे कि नई अंशदाई पेंशन योजना 1 अप्रैल 2023 से प्रभावी हुई थी।
OPS पर वकीलों की दलील
इससे पहले इस मामले में सुनवाई की गई। सुनवाई के दौरान रिट याचिका कर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील वी प्रकाश ने अदालत में दलील पेश किए जाएं। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु यूनिफॉर्म सर्विस रिक्रूटमेंट बोर्ड द्वारा मई 2022 में 1659 महिला कॉन्स्टेबल की भर्ती शुरू की गई थी। 3 मार्च तक इसकी प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई थी। इसके साथ ही महिला कॉन्स्टेबल को नियुक्ति आदेश 1 अप्रैल 2003 से पहले जारी किए गए थे।
पुरुष कॉन्स्टेबल के मामले में तमिलनाडु यूनिफॉर्म सर्विस रिक्रूटमेंट बोर्ड द्वारा प्रक्रिया मई 2002 में 3500 पदों के लिए शुरू की गई थी। इसकी अधिसूचना जारी होने के साथ ही मार्च 2003 में इसमें संशोधन कर रिक्तियों को बढ़ाकर 4931 किया गया था। वहीं मई 2003 में शारीरिक सहनशक्ति परीक्षा और जून 2003 में लिखित परीक्षा का आयोजन किया गया था। जिसके लिए परिणाम अगस्त 23 में जारी किए गए थे। वहीं पुरुष पुलिस कॉन्स्टेबल को 12 नवंबर 2003 को नियुक्ति आदेश जारी किए गए थे।
हाई कोर्ट का आदेश
इसी बीच 1 अप्रैल 2003 है उसके बाद नियुक्त हुए सभी भर्तियों को नई अंशदाई पेंशन योजना के तहत लाने के लिए सरकारी आदेश जारी कर दिया गया था। ऐसे में नियुक्त हुए कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना के लाभ से वंचित कर दिया गया। इस मामले में वकील और याचिकाकर्ता ने तर्क देते हुए कहा है कि सरकार की ओर से भर्ती में देरी के लिए कर्मचारियों को दंडित नहीं किया जा सकता। जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एंड आनंद वेंकटेश ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने में देरी के लिए नियुक्तियों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
12 सप्ताह के भीतर काम पूरा करने के निर्देश
ऐसे में कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना के लाभ से वंचित करना सही नहीं है। सरकार को 12 सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ताओं को पुरानी पेंशन योजना में स्थानांतरित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही न्यायाधीश ने आदेश में कहा है कि वेतन से अब तक नई पेंशन योजना के तहत उनके योगदान के लिए काटी गई राशि को 3 महीने के भीतर पुरानी पेंशन योजना में स्थानांतरित किया जाए।