इस साल आयोजित हो सकता है “गेर” रंगपंचमी उत्सव, दो साल बाद इंदौर में फिर होगी रंगों की बौछार

Manisha Kumari Pandey
Updated on -

इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना महामारी के कारण  पिछले 2 साल से इंदौर में रंग -पंचमी का उत्सव आयोजित नहीं किया गया है। लेकिन इस साल इसके आयोजन की संभावनाएं बहुत हद तक है। देखा जा रहा है कि, पूरे देश में कोरोना के मामले घट रहे हैं। जिसे देखते हुए इंदौर के जिला प्रशासन ने इस साल उत्सव का आयोजन करने की सोच रहा है। आशा है कि इस साल इंदौर में रंगों की बौछार एक बार फिर से देखने को मिल पाएगी। सूत्रों के मुताबिक 22 मार्च को गैर उत्सव का आयोजन हो सकता है। बता दें कि यह त्यौहार शहर के सांस्कृतिक और साल के सबसे बड़े त्योहारों में से एक माना जाता है।

यह भी पढ़े … मध्य प्रदेश से नाइट कर्फ्यू हटाया गया, मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह का कहना है कि, अब तक कोई भी सूचना सरकार द्वारा त्योहारों पर प्रतिबंध लगाने के बारे में नहीं जारी की गई है और क्योंकि अब कोरोना रफ्तार पूरे देश में काफी कम हो रही है और ज्यादातर लोग पूरी तरीके से वैक्सीनेटेड हो रहे हैं, तो आशा है कि इस साल “गेर” उत्सव को शहर में फिर से आयोजित किया जाए।

Continue Reading

About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है। अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"