झूठी निकली अपहरण की कहानी, पुलिस का खुलासा विदेश में दोस्त के साथ पढ़ाई के लिए जाना चाहती थी, इसलिए रची 30 लाख की फिरौती की साजिश

पुलिस ने अपहरण की कहानी को फर्जी तो बता दिया है लेकिन काव्या और उसका दोस्त से अभी पुलिस दूर है,  एसपी अमृता दुहन ने छात्रा और उसके साथी से अपील की है कि वह जहां भी हैं परिवार और पुलिस से संपर्क करें, पुलिस और परिजन उनका सहयोग करेंगे। एसपी ने सोशल मीडिया में वायरल हो रही जयपुर दुर्गापुरा स्टेशन पर सीसीटीवी में कैद हुई तस्वीरें की आधिकारिक पुष्टि नहीं की, उन्होंने कहा है कि हमारी टीम में लगातार इस पूरे मामले में जुटी हुई है।

Atul Saxena
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Shivpuri News

Shivpuri News : शिवपुरी जिले के बैराड़ कस्बे में रहने वाली काव्या धाकड़ के कोटा राजस्थान से हुए अपहरण की कहानी का खुलासा पुलिस ने किया है, कोटा पुलिस का दावा है कि अब तक जो साक्ष्य सामने आये हैं उसने हिसाब से अपहरण की कहानी झूठी है , NEET की पढ़ाई कर रही छात्रा अपने दोस्त के साथ विदेश जाकर पढ़ाई करना चाहती थी जिसके लिए उन्हें पैसों की जरुरत थी और इसीलिए उन्होंने अपहरण की कहानी रचकर पिता से 30 लाख रुपये की फिरौती मांगी, पुलिस खुलासे में जो सबसे बड़ी बात सामने आई है वो ये है कि पूरा घटनाक्रम इंदौर का है कोटा का नहीं।

NEET छात्रा काव्य धाकड़ अपहरण मामले का खुलासा 

स्कूल संचालक रघुवीर धाकड़ की 20 साल की काव्या धाकड़ के अपहरण के चैप्टर को पुलिस ने क्लोज कर दिया है , कोटा एसपी डॉ अमृता दुहन ने आज कोटा में मीडिया को बताया कि अब तक जो इन्वेस्टिगेशन हुआ है उस हिसाब से पूरा घटनाक्रम बनावटी लग रहा है, पुलिस ने घटना स्थल का पता लगा लिया जो  कोटा का नहीं इंदौर का है जहाँ काव्या पहले NEET की कोचिंग करती थी।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....