सब्जी बेचने वाले की बेटी बनी सिविल जज, पिता की मदद करने खुद भी बैठती थी ठेले पर

इंदौर, स्पेशल डेस्क रिपोर्ट।  इंदौर में सब्जी वाले की बेटी ने मिसाल कायम कर दी। अशोक नागर जो कि एक सब्जी विक्रेता है और हर रोज वो अपनी पत्नि लक्ष्मी के साथ इंदौर के मूसाखेड़ी चौराहे पर लंबे समय से ठेला लगाकर मेहनत मजदूरी करते है। वही अचानक उनके जीवन मे लंबे संघर्ष के बाद ऐसी खुशी आई कि दुनिया देखती रह गई।
दरअसल, सब्जी विक्रेता अशोक नागर की बेटी अब सिविल जज बन गई है। हालांकि, परीक्षा के परिणाम एक सप्ताह पहले घोषित हो चुके थे लेकिन रिश्तेदारी में गमी के चलते पूरा परिवार इंदौर से बाहर गया हुआ था इसलिये वो परीक्षा परिणाम नही देख सके। लेकिन, जब परीक्षा परिणाम सामने आया तो परिवार में खुशी की लहर दौड़ पड़ी।

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दरअसल, सब्जी बेचने वालेअशोक नागर के तीन बच्चे है जिसमे एक बेटा रेती मंडी में मजदूरी करता है वही छोटी बेटी की शादी हो चुकी है। इनके अलावा सबसे बड़ी बेटी अंकिता नागर है जो आज सिविल जज है। बता दे कि अंकिता हर रोज सब्जी के ठेले पर अपने मम्मी पापा की मदद करती थी। दिन में 8 घण्टे पढ़ाई करने वाली अंकिता सिविल जज तो बन चुकी है लेकिन वो अपनी मेहनत और उस कठिनाई के दौर को भुला नही पा रही है। अंकिता नागर की माने तो उनके माता – पिता खूब मेहनत करते है और वो भी सब्जी बेचने के दौरान उनकी मदद करती है। वही जब सिविल जज के एग्जाम फार्म को सबमिट करने की बात आई तो आखरी दिन में अंकिता ने जैसे तैसे रुपये जुटाए। अंकिता ने बताया कि जिस दिन फार्म भरना था उस दिन रुपये कम पड़ गए थे तब मम्मी ने कहा था कि शाम तक रुक जा सब्जी बेचने से रुपये आ जाएंगे। तब धैर्य रखते हुए सिविल जज बन चुकी अंकिता नागर ने फार्म भरा और अब सफलता सबके सामने है।
एलएलबी और एलएलएम कर चुकी अंकिता के मुताबिक उनके माता – पिता की मेहनत का ही परिणाम है कि वो आज इस मुकाम पर है। हालांकि, अंकिता अपने दोस्तों और कोचिंग संस्थान के टीचर्स की मदद को भी नही भूली है और वो मानती है कि सभी के साझा प्रयासों से वो आज ये सफलता हासिल कर पाई है।


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Harpreet Kaur