ग्वालियर, डेस्क रिपोर्ट। नगरीय निकाय चुनावों (Urban Body Elections) को लेकर ग्वालियर (Gwalior News) में भी हलचल तेज हो गई है। पार्षद पद की दावेदारी जताने वाले नेता पार्टी कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं और जिला अध्यक्ष के सामने खुद को एक मजबूत उम्मीदवार बता रहे हैं। उधर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के बुलावे पर दिल्ली में उनसे मुलाकात कर वापस लौटे भाजपा जिला अध्यक्ष बहुत उत्साहित हैं और पार्टी की जीत को लेकर आश्वस्त हैं, लेकिन कांग्रेस विधायक ने सिंधिया से मुलाकात पर तंज कसा है।
ग्वालियर में भारतीय जनता पार्टी कार्यालय और कांग्रेस कार्यालय पर नेताओं का भारी हुजूम देखने को मिल रहा है, पार्षद पद के लिए दावेदारी जताने वाले नेता अपने बायोडेटा के साथ वरिष्ठ नेतृत्व से मुलाकात कर रहे हैं। कांग्रेस कार्यालय पर कल रविवार को पूर्व मंत्री मुकेश नायक ने वरिष्ठ नेताओं के साथ दावेदारों से मुलाकात की। कार्यालय में भारी भीड़ देखने को मिली।
उधर भारतीय जनता पार्टी कार्यालय में भी पार्षद पद के दावेदार अपने बायोडेटा लेकर जिला अध्यक्ष से मुलाकात कर रहे हैं। आपको बता दें कि पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बुलावे पर शहर जिला अध्यक्ष कमल माखीजानी और ग्रामीण अध्यक्ष कौशल शर्मा ने दिल्ली जाकर उनसे मुलाकात की। ये मुलाकात राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है।
इस मुलाकात को एक सामान्य मुलाकात बताते हुए जिला अध्यक्ष कमल माखीजानी ने कहा कि सभी वरिष्ठ नेताओं के प्रयास हैं कि अधिक से अधिक पार्षद भाजपा के जीतकर आएं और परिषद भाजपा की बने, भाजपा में वरिष्ठ नेताओं का मार्गदर्शन लेना एक परम्परा और प्रक्रिया का हिस्सा है। मगर अंदरखाने में चर्चा है कि इस मुलाकात में टिकट वितरण में सिंधिया समर्थकों को अधिक तबज्जो देने के निर्देश मिले हैं।
उधर कांग्रेस ने सिंधिया से भाजपा जिला अध्यक्षों की मुलाकात पर तंज कसा है। ग्वालियर दक्षिण विधानसभा के कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक ने कहा कि ये उनकी पार्टी का निजी विषय है, लेकिन मैं पहले भी कई बार कह चुका हूँ कि भाजपा का कई भागों में विभाजन हो चुका है, यहाँ शिवराज, सिंधिया और भाजपा की भाजपा अलग अलग हैं, कांग्रेस विधायक ने कांग्रेस कार्यालय में दिख रहे हुजूम को बदलाव का प्रतीक बताया है।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....