डबरा जनसुनवाई में पहुंची आशा कार्यकर्ताएं बोली – बीसीएम प्रभारी को पैसे नहीं दिए तो हमारा भुगतान नहीं होता

आशा कार्यकर्ताओं ने भ्रष्ट बीसीएम से बचने के लिए एसडीएम से न्याय की गुहार लगाई है उनका ये भी कहना है कि बीसीएम की प्रताड़ना से तंग आकर हमें आगे चलकर नौकरी भी छोड़नी पड़ सकती है।

dabra

Dabra News : डबरा सिविल अस्पताल में बीसीएम प्रभारी पर एक दर्जन से अधिक आशा कार्यकर्ताओं ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं जिसकी शिकायत आशा कार्यकर्ताओं ने आज मंगलवार को जनसुनवाई में एसडीएम से की है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में बीसीएम का काम कर रहे अतेंद्र रावत के द्वारा अधिकतर आशा कार्यकर्ताओं से फाइल पास करवाने के बदले में पैसे की मांग की जाती है।

क्या है पूरा मामला

आशा कार्यकर्ता अंजना राणा और रमा परिहार ने बताया कि उनके द्वारा क्षेत्र में बड़ी मेहनत से काम करने के बावजूद जब वह अपनी फाइल सिविल अस्पताल में बीसीएम अतेंद्र रावत के समक्ष पास कराने के लिए ले जाते हैं तो वहां बीसीएम के पद पर पदस्थ अतेंद्र सिंह रावत हमारी फाइलों को सेक्शन करने और हमारा भुगतान करने के एवज में प्रत्येक फाइल पर ₹500 या कभी हजार रुपए रिश्वत की मांग की जाती है तभी हमारा भुगतान होता है अगर किसी भी कारण हमने रिश्वत के पैसे नहीं दिए तो हमारा भुगतान नहीं होता है।

Continue Reading

About Author
Amit Sengar

Amit Sengar

मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”