दमोह,आशीष कुमार जैन। मध्यप्रदेश में भारी बारिश की वजह से अधिकांश जगहों पर किसानों को बड़ा नुकसान हुआ तो फसलें तबाह हो गई और कुछ ऐसा ही दमोह जिले में हुआ लेकिन किस्मत के मारे किसानों के नसीब में जो आया अब उस पर जानवर डाका डाल रहे है। ये सब उनके खेतो में नही बल्कि जिले की सबसे बड़ी कृषि उपज मंडी में हो रहा है। अब जरा नजारे देखिए, दमोह (damoh) की कृषि उपज मंडी में किसान अपनी बची हुई फसलें लेकर आ रहे हैं ताकि उनका गुजर बसर हो सके लेकिन यहां अनाज के ढेर लगाना मतलब अपने अनाज को जानवरों के लिए परोसने जैसा है।
बता दें कि मंडी में घूम रहे सैकड़ों जानवर ये अनाज खा रहे हैं लेकिन मंडी प्रबंधन हाँथ पर हाँथ रखे बैठा है। दरअसल कृषि मंडी में फैली अव्यवस्थाओं की वजह से यहां किसानों की फसलें उसी दिन नही बिक पाती बल्कि उन्हें कभी दो दिन तो कभी तीन-तीन दिनों का इंतज़ार करना पड़ता है। यहां बने शेड और शेड्स के बाहर किसानों को अपनी फसल खोलकर रखनी पड़ती है ताकि नियम के मुताबिक उनका नम्बर आये तो अनाज की नीलामी हो सके। लेकिन उनका अनाज खोलकर रखना जानवरो के लिए खुली दावत साबित हो रहा है। दिन भर तो किसान जैसे तैसे जानवरो से अपनी फसलें बचा लेते हैं लेकिन रात में थका हारा किसान गलती से अपनी आँख लगा ले तो समझिए सुबह अनाज का ढेर खत्म मिलेगा।
पिछले कई दिनों आए चली आ रही इस अव्यवस्था की वजह से किसानों के लाखों रुपये के अनाज को जानवर खा चुके हैं। इन हालातों पर मंडी के आला अधिकारी जवाब देते हुए बता रहे हैं कि मंडी प्रांगण में सुरक्षा के लिए तैनात सिक्योरिटी गार्ड्स का टेंडर खत्म हो गया है और नई तैनाती नही हुई है जो प्रक्रिया में है और जल्दी ही सुरक्षा व्यवस्था के साथ यहां काऊ केचर्स भी लगाए जाएंगे।
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Amit Sengar
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वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”