Japan Johatsu : ज़िंदगी की आपाधापी भागदौड़ से घबराकर, कभी किसी परेशानी बेहाल होकर तो कभी अपनों के बेरुखी से तंग आकर मन में कहीं दूर जाने का खयाल आ ही जाता है। ज्यादातर लोगों ने कभी न कभी ये सोचा ही होगा कि सब छोड़कर कहीं भाग जाएं। दूर किसी ऐसी जगह जहां न कोई उन्हें तलाश पाए न पहचान सके। कई किसी समंदर किनारे बस जाना चाहता है तो कोई पहाड़ों में गुम हो जाना चाहता है। ऐसी जगह जहां सुकून हो, नए सिरे से जीवन को तलाशा जा सके, पीछे की कोई कड़वी याद साथ न हो।
क्या है जोहात्सु
हालांकि ऐसा होना मुश्किल है। पहली बात तो लोग ही अपने मोह के बंधन को तोड़ नहीं पाते। और फिर इतना आसान भी नहीं होता एक बसी बसाई जिंदगी को छोड़कर सब नए सिरे से शुरू करना। लेकिन अगर पता चले कि कुछ कंपनियां हैं जो इस काम में आपकी मदद कर सकती हैं, तो शायद कई लोग इस जिंदगी को चुनना पसंद करेंगे। जापान ( Japan) में तो ऐसा ही होता दिख रहा है। यहां कई लोग जोहात्सु बनने की राह पर चल पड़ते हैं। यहां लोग अचानक गायब हो जाते हैं और ऐसे लोगों को जोहात्सु कहा जाता है। ऐसे कई लोग हैं जो रोज की तरह घर से निकले लेकिन फिर कभी वापिस नहीं लौटे।
जोहास्तु का अर्थ है भाप बनकर उड़ जाना। कुछ ऐसे ही गायब हो जाते हैं यहां के कुछ लोग भी। किन्हीं भी कारणों से अगर कोई नई जिंदगी चुनना चाहता है, पुरानी को छोड़ना चाहता है तो यहां कुछ कंपनियां है जो ऐसे लोगो की मदद करती हैं। इसके लिए वो बाकायदा तगड़ी फीस वसूलती है लेकिन इन लोगों को गायब होने में, गुप्त स्थान पर पहुंचाे के लिए और नया जीवन शुरू करने के लिए मदद करती हैं। इस काम को नाइट मूविंग सर्विस कहा जाता है, अगर हमारी भाषा में कहें तो रातोंरात गायब होना। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक नाइट मूविंग कंपनी शुरू करने वाले शो हतोरी का कहना है कि इसके पीछे लोगों की अलग अलग वजहें होती हैं। इनहोने 1990 के दशक में अपनी कंपनी शुरू की थी। इनका कहना है कि जरुरी नहीं हमेशा वजह नकारात्मक ही हो। कई बार नई नौकरी नई शादी के लिए भी ऐसा करते हैं। हालांकि आर्थिक तंगी एक बड़ा कारण है जोहात्सु होने का।
निजता को लेकर सख्त कानून
समाजशास्त्री हिरोकी नाकामोरिक ने जोहात्सु पर कई दशक तक रिसर्च की है। इनका कहना है कि 1960 के दशक मे ऐसे लोगों को जोहात्सु कहना शुरू किया गया। कई बार लोग तलाक लेने की बजाय गायब हो जाना पसंद करते हैं ताकि कानूनी अड़चनों से बच सकें। नाकामोरिक का कहना है कि ऐसा करना जापान में इसलिए भी आसान है क्योंकि यहं निजता को लेकर कानून काफी सख्त है। अगर पुलिस को किसी दुर्घटना या अपराध की आशंका न हो तो वो ऐसे व्यक्ति को कभी नहीं तलाशती है। गायब हुआ व्यक्ति अपने एटीएम से पैसा भी निकालता है तो भी पुलिस उसे ट्रेस नहीं करती है। अगर पुलिस मदद नहीं करती है तो फिर ऐसी स्थिति में कई बार घरवाले निजी जासूस की मदद लेते हैं। जोहात्सु बनने वाला तो नई जिंदगी की राह पर बढ़ जाता है लेकिन उसके पीछे रह गए लोग उसे तलाशते रहते हैं। कई बार वो इन सवालों के जवाब भी तलाशते हैं कि आखिर सामने वाले ने ऐसा क्यों किया। लेकिन भाप बनकर उड़ जाने वालों को भला इसकी परवाह कब होती है।