ग्वालियर, अतुल सक्सेना। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia )आज गुरुवार को तीन दिवसीय दौरे पर ग्वालियर आये। विमानतल से वे सीधे माधव इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एन्ड साइंस (MITS) पहुंचे और यहाँ की बोर्ड मीटिंग में शामिल हुए। सिंधिया MITS के क्रिकेट मैदान पर पहुंचे और वहां खिलाड़ियों को खेलता देख उन्होंने भी बैट पर हाथ आजमाए। बॉलिंग करते हुए पूर्व IAS और सिंधिया के सबसे करीबी व्यक्ति प्रशांत मेहता ने उन्हें क्लीन बोल्ड कर दिया लेकिन बाद में सिंधिया ने कुछ शानदार शॉट्स लगाए।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया तीन दिवसीय दौरे पर ग्वालियर पहुंचे। आज 14 अक्टूबर को शाम तक वे लगातार ग्वालियर के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचकर करोड़ों की सौगात ग्वालियर को देंगे। इस दौरान भूमिपूजन, लोकार्पण, शिलान्यास जैसे कार्यक्रम होंगे।
ग्वालियर (Gwalior News) के राजमाता विजयाराजे सिंधिया विमानतल महाराजपुरा पहुँचने के बाद सिंधिया सबसे पहले MITS पहुंचे यहाँ उन्होंने स्टूडेंट्स से बात की और बोर्ड मीटिंग में शामिल हुए। मीटिंग में MITS में डवलपमेंट को लेकर कई विषयों पर चर्चा हुई और महत्वपूर्ण फैसले लिए गए।
सिंधिया MITS के क्रिकेट मैदान पर भी पहुंचे। उन्होंने वहां क्रिकेट खेल रहे खिलाडियों से परिचय प्राप्त किया और फिर बैटिंग पर हाथ आजमाए। उन्हें बॉलिंग की पूर्व IAS प्रशांत मेहता ने। शुरू की दो बॉल लेग साइड के बाहर वाइड आई फिर अगली दो गेंद पर सिंधिया ने शानदार स्ट्रेट ड्राइव लगाए। अगली गेंद पर सिंधिया ने बैकफुट पर खेलने का प्रयास किया लेकिन वे क्लीन बोल्ड हो गए लेकिन इसकी अगली हो बॉल पर उन्होंने शानदार कवर ड्राइव लगाया।
खेलने के बाद मीडिया से बात करते हुए सिंधिया (Scindia) ने कहा कि क्रिकेट खेलकर मजा आया। उन्होंने कहा कि जिंदगी में अनेक रुचियाँ भी होनी चाहिए। खेलकूद के क्षेत्र में फिट इण्डिया मूवमेंट हमारी सरकार चला रही है। सिंधिया ने कहा कि बुढ़ापे की तरफ जाते जाते नौजवानों के साथ खुद को इंगेज करने का खेलकूद एक अच्छा माध्यम होता है।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....