MP News: एक तरफ पूरे मध्यप्रदेश में चुनाव की तैयारियां चल रही है। फिलहाल प्रदेश की राजनीति भी गरमाई हुई है। इसी बीच सीताराम पटेल और श्री मान सिंह पटेल द्वारा सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत की गई याचिका के संबंध में कुछ जानकारी सोशल मीडिया और प्रेस के माध्यम से हुई है। मिली जानकारी के मुताबिक मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत। के राजनैतिक विरोधियों द्वारा षड़यंत्रपूर्वक द्वेषपूर्ण भावना से उनके ऊपर सीताराम पटेल के मार्फत उनके पिता श्री मानसिंग पटेल के कथित् रूप से लापता होने के आरोप लगाये जा रहे है। बता दें की यह मामला 2016 का है। जब मंत्री पर सागर के पिली रोड पर स्थित उनके कॉलेज से लगी जमीन को हड़पने के आरोप लगे थे। जिसके बाद किसान माँ सिंह पटेल लापता है और उनके बेटे ने सीताराम पटेल ने राज्य परिवहन मंत्री पर अपहरण के आरोप लगाए थे।
क्या है सच?
दरअसल, सीताराम पटेल ने 23 अगस्त 2016 को सिविल लाइ्रन पुलिस थाना में एक आवेदन पत्र उनके पिता मानसिंग के गुमशुदा होने व उसके अपहरण की शंका के संबंध में दिया गया था । पुलिस द्वारा मानसिंग के गुमशुदगी का दर्ज करते हुए प्रकरण को जांच में लिया गया । जिसमें सीताराम पटेल द्वारा उक्त रिपोर्ट के 17वें दिन 09 सितम्बर 2016 को शपथ पत्र दिया गया था कि उसके द्वारा विनय मलैया के कहने पर मानसिंग के अपहरण व गुमशुदगी की झूठी रिपोर्ट की गई थी। विनय मलैया श्री गोविन्द सिंह से रंजिश रखते है और उनकी छवि धूमिल करने की नियम से उक्त झूठ रिपोर्ट उन्होंने मुुुुझसे करायी थी। सीताराम पटेल के द्वारा दिनांक 23 अगस्त 2016 को पुलिस थाना सिविल लाईन में अपने पिता मानसिंग की गुमशुदगी रिपोर्ट की गई थी। उसके चालीस दिन बाद ही 29 सितम्बर 2016 को उसके पिता मानसिंग सीताराम के पक्ष में शपथ-पत्र देते है कि मेरा स्वास्थ्य खराब होने के कारण में न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सकूंगा। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रस्तुत रिट पिटीशन में मेरा पुत्र सीताराम व मेरा छोटा भाई उत्तम पटेल उपस्थित रहकर प्रकरण की कार्यवाही में उपस्थित रहेंगे । श्री गोविन्द सिंह राजपूत की भूमि खसरा नंबर 174/17 रकबा 1.11 एकड़ एवं सीताराम पटेल की भूमि खसरा नबंर 174/19 रकबा 0.81 डिसमिल पास-पास की जमीनें है । सीताराम पटेल की भूम भी श्री गोविन्द सिंह राजपूत के नाम से कम्प्यूटर खसरे में गलती से दर्ज हो गई थी ।