नर्स की लापरवाही से नवजात शिशु की मौत, परिजनों ने अस्पताल में किया हंगामा

Neemuch News : मध्यप्रदेश के नीमच जिला अस्पताल में इलाज में लापवाही के कई मामले पूर्व में भी सामने आते रहे है जिसके चलते अब तक कई मौते भी हो चुकी है ऐसा ही एक मामला गुरुवार को भी सामने आया जिसमे नर्सो की लापरवाही से जिला अस्पताल में नवजात शिशु की मौत हो गई। शिशु की मौत के बाद परिजनों ने जिला अस्पताल स्टाफ़ को खरी खोटी भी सुनाई। साथ ही अस्पताल स्टाफ पर इलाज में लापरवाही के आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा खड़ा कर दिया। हंगामे की सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंची और मामले को समझाइश देकर शांत किया गया।

यह है मामला

उक्त मामले में पीड़ित परिजन कौशल्या बाई बाथम ने जानकारी देते हुए बताया कि उनकी बहू बबली पति जितेंद्र बाथम उम्र 26 वर्ष निवासी नयागांव को बीते सोमवार को प्रसव पीड़ा के चलते नयागांव शासकीय हॉस्पिटल ले जाया गया जहां से उसे नीमच रेफर किया गया था। नीमच लाने के बाद यहां की नर्सों ने करीब 1 घंटे तक उसे अटेंड भी नहीं किया बबली दर्द से तड़प रही थी बार-बार हाथ जोड़ने के बाद भी जिला अस्पताल स्टाफ के लोगों द्वारा ध्यान नहीं दिया गया ओर मोबाइल में इंस्ट्राग्राम चलाते रहे। बमुश्किल से हाथ जोड़ने के बाद नर्सों ने मेरी बहू बबली का ब्लड प्रेशर सहित अन्य जांच की और उसे 3 इंजेक्शन लगा दिए। जिसके बाद बबली और ज्यादा तड़पने लगी और बबली को डिलीवरी रूम में ले जाया गया जहां भी नर्सों ने उसे अटेंड नहीं किया और बबली की डिलीवरी जिला अस्पताल में मेरे द्वारा कराई गई जिसके बाद जैसे तैसे हाथ जोड़कर पुनः नर्सों को बुलाया। जिस पर नर्सों ने उपचार प्रारंभ किया परंतु नवजात शिशु कोई भी हरकत नहीं कर रहा था जिस पर उसे आईसीयू वार्ड में भर्ती करा दिया गया। इसके बाद हम को बच्चे से मिलने भी नहीं दिया गया और आज अंदर से सूचना आई कि बच्चे की मौत हो गई है।


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Amit Sengar

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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”