Viprit Rajyog: सालों बाद बना यह राजयोग, अखंड साम्राज्य-गजकेसरी योग का भी प्रभाव, इन 4 राशियों पर बरसेगी कृपा

grah gochar 2023

Viprit Rajyog : वैदिक ज्‍योतिष में गुरु ग्रह को देवगुरु का स्थान दिया गया है। देवगुरु बृहस्‍पति एक साल में राशि परिवर्तन करते हैं। बीते 22 अप्रैल को गुरु ग्रह गोचर करके मेष राशि में प्रवेश कर गए हैं। खास बात ये है कि करीब 12 साल बाद गुरु ने मेष राशि में प्रवेश किया है, ऐसे में गुरू के मेष में गोचर करने से विपरीत राजयोग बन गया है, जो कई राशियों के लिए बेहद शुभ रहने वाला है।

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, विपरीत राजयोग का निर्माण होने से व्यक्ति को धन लाभ के साथ वाहन, संपत्ति का सुख प्राप्त होता है। जब कुंडली के छठे, आठवें, बारहवें, भाव के स्वामी युति संबंध बनाते हैं, तो विपरीत राजयोग का निर्माण होता है। इस योग में त्रिक भावों और उनके स्वामियों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। वैसे त्रिक भावों को ज्योतिष शास्त्र में शुभ नहीं माना जाता लेकिन कुछ विशेष परिस्थियों के कारण यह शुभ फल देने लगते हैं, वहीं मुख्यत: त्रिक भावों में से किसी भाव का स्वामी (जैसे षष्ठम भाव का द्वादश में) किसी अन्य त्रिक भाव में विराजमान हो तो इस योग का निर्माण होता है।


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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)