सरकार का कहना है कि 8वें केंद्रीय वेतन आयोग गठित करने पर सरकार के पास कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। वहीं सातवें वेतन 2026 तक लागू रहने की उम्मीद एक बार फिर से की जा सकती है। दरअसल हर 10 साल के बाद के अंदर सरकारी कर्मचारियों की वेतन ढांचे में बदलाव के लिए एक नई वेतन आयोग का गठन किया जाता है। 1947 से अब तक सात वेतन आयोग का गठन किया जा चुका है। वहीं सातवें वेतन आयोग का गठन 2014 में किया गया था। माना जा रहा है कि 2026 में एक नई वेतन आयोग का गठन किया जा सकता है। हालांकि सरकार ने फिलहाल इस पर अभी के लिए पूरी तरह से विराम लगा दिया है।
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मामले में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में बताया कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए 8वें वेतन आयोग गठित करने के लिए सरकार के पास कोई योजना नहीं है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए फिलहाल सातवें वेतनमान लागू रहेंगे। हालांकि केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने स्पष्ट किया है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के आठवें केंद्रीय वेतन आयोग का गठन सुनिश्चित हो। इसके लिए एक प्रस्ताव रखा गया है ताकि इसे 1 जनवरी 2026 को लागू किया जा सके।
केंद्र सरकार ने कहा कि बढ़ती महंगाई के कारण कर्मचारियों को वेतन के साथ वास्तविक मूल्य में गिरावट के कारण डीए का भुगतान किया जाता है। वही समय समय पर 6 महीने के अंतराल पर DA में संशोधन किया जाता है। श्रम और रोजगार मंत्रालय के श्रम ब्यूरो द्वारा अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर मुद्रास्फीति की दर निर्धारित की जाती है। जिसके आधार पर डीए का निर्धारण होता है।
वहीं केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि कर्मचारियों के पेंशनभोगियों के वेतन पेंशन की समीक्षा के लिए एक और नए वेतन आयोग की आवश्यकता नहीं है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों पेंशन भोगियों को किए गए भुगतान का संशोधन किसी समय भी किया जा सकता है और इसके लिए 8वें वेतन आयोग के गठन की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
वही पेंशनभोगी और कर्मचारियों को वर्तमान में सातवें वेतन आयोग के मैट्रिक्स के अनुसार वेतन और पेंशन का भुगतान किया जा रहा है जबकि DA दरों में संशोधन की प्रतीक्षा कर्मचारियों द्वारा की जा रही है। माना जा रहा है कि AICPI-IW के आंकड़ों के मुताबिक अगस्त के आखिरी सप्ताह तक कर्मचारियों के डीए में 4 फीसद की वृद्धि देखी जा सकती है। जिसके बाद उनके डीए4 34% से बढ़कर 38% होने की संभावना है।
बता दें कि डीए की गणना खुदरा मुद्रास्फीति के आधार पर तय की जाती है। कुछ समय से यह 7% से अधिक है। वहीं केंद्र सरकार द्वारा जनवरी 2022 में डीए को 3% बढ़ाया गया था। जिसके बाद कर्मचारियों का डीए 31% से बढ़कर 34% हुआ था। इसमें जल्द ही संशोधन किया जा सकता है जिसका लाभ 50 से अधिक के कर्मचारियों को मिलेगा।