Booker Prize 2022: हिंदी उपन्यास को पहली बार मिला बुकर पुरस्कार, ‘Tomb of Sand’ के साथ गीतांजलि श्री ने रचा इतिहास

नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। भारतीय लेखकों (Indian Author) के लिए वर्ष 2022 स्वर्णिम इतिहास रचने वाला समय साबित हो गया हैं। दरअसल भारतीय लेखिका गीतांजलि श्री (Geetanjli Shree) ने इतिहास रचते हुए अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार (Booker Prize 2022) जीतने वाली पहली भारतीय हिंदी लेखिका के रूप में अपने आप को नामित किया है। भारतीय लेखिका गीतांजलि श्री को मूल रूप से हिंदी में प्रकाशित रेत के मकबरे उपन्यास (Hindi Novel Tomb of Sand) के लिए अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से नवाजा गया है।

भारतीय लेखिका गीतांजलि श्री ने मूल रूप से हिंदी में प्रकाशित रेत के मकबरे अपने उपन्यास के लिए अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार (international booker prize) जीतकर इतिहास रच दिया। वह अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय हिंदी लेखिका हैं। यह उपन्यास उत्तरी भारत में एक 80 वर्षीय महिला के बारे में एक पारिवारिक गाथा है, जो पाकिस्तान की यात्रा करती है। विभाजन के पुराने अनुभवों के अनसुलझे आघात का सामना करने के लिए और एक माँ, एक बेटी, एक महिला और एक नारीवादी होने के अर्थ का पुनर्मूल्यांकन करने के परिपेक्ष्य पर लिखी गई है। लेखक गीतांजलि श्री का अनुवादित हिंदी उपन्यास, ‘टॉम्ब ऑफ सैंड’, प्रतिष्ठित 2022 अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित होने वाली भारतीय भाषा में लिखी जाने वाली पहली पुस्तक बन गई है।


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Kashish Trivedi

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