वही पंचायत राज संचालनालय ने प्रदेश की 52 जिला पंचायत के अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण 14 दिसंबर 2021 को कराने को लेकर सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी कर दिए हैं।इससे पहले मुरैना में फोटो निर्वाचक नामावली कार्य में 163 बीएलओ ने एक भी फार्म-6 नहीं जमा नहीं करने पर उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।साथ ही निर्वाचन संबंधित दायित्वों के निर्वहन के लिए भिंड में निर्वाचन सेल का गठन किया गया है।इधर, दमोह कलेक्टर (Damoh Collector) ने भी साफ कर दिया है कि समयावधि व्यतीत होने के पश्चात प्राप्त दावे आपत्तियों पर कोई विचार नहीं किया जायेगा। दावा या आपत्ति प्रस्तुत करना हो तो 10 दिसम्बर तक प्रस्तुत कर सकेंगे।
दरअसल, दमोह में भी पंचायत चुनाव 2021-22 को निर्वघ्न रूप से संपादित कराने के उद्देश्य से दमोह कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी एस.कृष्ण चैतन्य ने पंचायत निर्वाचन नियम के तहत दिये गये प्रावधान अनुरूप विकासखण्ड पटेरा के तृतीय चरण के लिये सेक्टर (जोनल) ऑफिसर के विभिन्न कर्त्तव्यों के संचालन के लिए पदाविहित किया है।वही नगर पालिका अधिनियम के तहत प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए कलेक्टर ने नगर परिषद बटियागढ़ की पुनरीक्षित सीमाएं उत्तर दिशा में ग्राम घनश्यामपुरा, पूर्व दिश में ग्राम टिकरी, दक्षिण दिशा में ग्राम बटियागढ़ तथा पश्चिम दिशा में ग्राम शेखपुरा की सीमाएं निर्धारित है।ग्राम बटियागढ़, घनश्यामपुरा, टिकरी, नीमखेड़ा और शेखपुरा ग्रामों को सम्मिलित होने उपरांत नगर परिषद बटियागढ़ के गठन करने के संबंध में आम जनता से दावे एवं आपत्तियां आहूत की गई है, यदि किसी भी व्यक्ति, संस्था को इस संबंध में कोई भी दावा या आपत्ति प्रस्तुत करना हो तो कार्यालयीन दिवस एवं समय में कलेक्टर को मप्र नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 6 के अधीन 10 दिसम्बर 2021 तक प्रस्तुत कर सकेंगे। समयावधि व्यतीत होने के पश्चात प्राप्त दावे आपत्तियों पर कोई विचार नहीं किया जायेगा।
निर्वाचन सेल का गठन
भिण्ड में पंचायत चुनाव 2021-22 के क्रियान्वयन के लिए मततगणना प्रबंधन के लिए जिला शिक्षा अधिकारी भिण्ड को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। निर्वाचन संबंधित दायित्वों के निर्वहन के लिए एक सैल का गठन भी किया गया है। जो निर्वाचन से संबंधित दिये गये दायित्वों को नियमानुसार समय-सीमा में पूर्ण करायेंगे। उप जिला निर्वाचन अधिकारी स्थानीय निर्वाचन महेश बडोले ने बताया कि जिन अधिकारियों को निर्वाचन संबंधी सैल में नियुक्त किया गया है। उनमें शाउमावि भवनपुरा के वरिष्ठ अध्यापक श्यामसिंह, जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय सहायक ग्रेड शिवकांत झा, शामलबा कन्या उमावि भिण्ड के माषि ज्ञानेन्द्र सिंह, शाउमावि उदोतपुरा के माषि अनिल कुमार एवं शामावि बरासो के सहा.षि.के अनिल पचौरी को सैल में नियुक्त किया गया है।
163 BLO ने नहीं जमा किए फार्म-6, होगी कार्यवाही
मुरैना में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से फोटो निर्वाचक नामावली संक्षिप्त पुनरीक्षण 2022 कार्यक्रम को पूर्ण करने के लिये प्रत्येक मतदान केन्द्रवार BLO लक्ष्य प्रदान किया गया था जिसमें फॉर्म नंबर 6 लक्ष्य के अनुरूप जमा करने के निर्देश दिये गये थे। फॉर्म नंबर 6 जमा करने की अंतिम तिथी 30 नवंबर निर्धारित की गई थी। इस कार्य को लक्ष्य के अनुरूप 100 प्रतिशत पूर्ण करना था। आयोग द्वारा दावे आपत्तियों के प्राप्त करने की अवधि 5 दिसंबर 2021 तक बढ़ाई गई थी किंतु मुरैना जिले के 1702 मतदान केन्द्रों में से 163 BLO ऐसे पाये गये हैं जिन्होंने फॉर्म नंबर 6 की संख्या एक भी जमा नहीं की है ऐसे BLO के खिलाफ कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी निर्वाचन नियम के तहत कड़ी कार्यवाही की जा रही है।
उन्होंने बताया कि सबलगढ़ में 14, जौरा में 14, सुमावली में 46, मुरैना में 45 दिमनी में 21, बानमौर में 16, अंबाह में 2 तथा पोरसा में 5 बीएलओ ऐसे पाये गये हैं जिन्होंने फार्म नंबर 6 की संख्या शून्य बताई है जबकि शासन के लक्ष्य के अनुसार जिले का 35,379 प्राप्त किये जाने थे जिसमें मात्र 23 हजारा 138 फॉर्म नंबर 6 प्राप्त हुये हैं। अभी भी फॉर्म नंबर 6 12 हजार 241 अप्राप्त हैं इससे यह प्रतीत होता है कि बीएलओ द्वारा रूचि लेकर फार्म नंबर 6 नहीं भराये गये हैं इसलिये निर्वाचन आयोग के निर्देशों का बीएलओ द्वारा पालन नहीं किया गया है। ऐसे बीएलओ के खिलाफ जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा कार्यवाही की जा रही है।
बता दे कि मध्यप्रदेश में 23,835 ग्राम पंचायतें हैं। 904 जिला पंचायत सदस्य और 6035 जनपद सदस्य त्रि-स्तरीय पंचायत का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसमें जिला पंचायत अध्यक्ष- 52, जिला पंचायत उपाध्यक्ष- 52, जनपद पंचायत अध्यक्ष- 313, जनपद पंचायत उपाध्यक्ष- 313, जिला पंचायत के सदस्य- 904, जनपद पंचायत के सदस्य- 6833, सरपंच- 23912, पंच- 3,77,551 शामिल है। इससे पहले 2014-15 में पंचायत चुनाव हुए थे। इससे 2020 तक उनका कार्यकाल समाप्त हो चुका है। परिसीमन से पहले प्रदेश में प्रदेश में 22 हजार 812 पंचायतें थीं।