Hindi Diwas 2022: चेतना जागृत-भावनात्मक जुड़ाव में कारगर है हिंदी, भारतीय अस्मिता की अखंड पहचान

भोपाल, डॉ अशोक कुमार भार्गव। आज हिंदी दिवस (Hindi day 2022) है। हिंदी के प्रति अपनी निष्ठा, वचनबद्धता, ममत्व, लगाव और भावनात्मक जुड़ाव प्रकट करने का दिवस । हिंदी के प्रचार, प्रसार, विकास और विस्तार के लिए संकल्प लेने का दिवस। विश्व भर में हिंदी (Hindi diwas 2022) के प्रति चेतना जागृत करने हिंदी हितैषियों लेखकों, रचनाधर्मियों और साहित्यकारों की श्रेष्ठता को सम्मानित करने दिवस। इसके साथ ही हिंदी की वर्तमान स्थिति का सिंहावलोकन कर उसकी प्रगति पर चिंतन, मनन करने का स्मारक दिवस भी है।

भारतेंदु जी ने कभी बड़ी गहराई में उतर कर लिखा था। “निज भाषा उन्नति अहै सब उन्नति को मूल, पै निज भाषा ज्ञान के, मिटे न हिय को सूल। निःसंदेह है किसी भी राष्ट्र के विकास की बुनियाद उसकी निजी भाषा की श्री संपन्नता में ही निहित होती है। विदेशी भाषा ‘हिय के सूल’ की अभिव्यक्ति में समर्थ नहीं होती। हमारी निजी संस्कृति सभ्यता परंपरा हर्ष उल्लास दर्द और व्यथा की मूल चेतना की वास्तविक अभिव्यक्ति निजी भाषा में ही संभव सकती है। इसीलिए भाषा हमारी अस्मिता की पहचान होती है जिसमें हमारे राष्ट्र का सामूहिक स्वर मुखरित होता है।


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Kashish Trivedi

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