खेल, डेस्क रिपोर्ट। मन में कसक एक साल से थी क्योंकि ओलंपिक में बस एक कदम से मेडल चूकना!, बहुत निराशाजनक था लेकिन उन हौसलों को उड़ान मिल ही जाती है, जो उसे भुलाकर भविष्य के लिए तैयारियां शुरू कर देते है। हालांकि, ये सफर भी भारत के लिए आसान नहीं रहा क्योंकि टूर्नामेंट से पहले ही भारत की स्ट्राइकर और कप्तान रानी रामपाल चोटिल हो गई और उनके स्थान पर टीम की कमान अनुभवी भारतीय गोलकीपर सविता पुनिया को दी गई और उन्होंने देश को इस बार बिल्कुल भी निराश नहीं किया और अपनी टीम का शानदार नेतृत्व करते हुए ब्रॉन्ज मेडल लेकर ही देश लौटी।
INDIAN EVES🏑 WINS BR🥉NZE
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