मुरैना: एक बार फिर मिर्ची बाबा ने मचाई खलबली, बोले “फायर है अपुन”, जाने पूरा मामला

मुरैना, नितेंद्र शर्मा। गोवंश संरक्षण के मुद्दे पर बीजेपी पर निशाना साधने वाले वैराग्य नंद गिरी महाराज उर्फ मिर्ची बाबा (Mirchi Baba) आए दिन सुर्खियां बटोरते रहते हैं चाहे मुद्दा कोई भी हो। इस समय प्रदेश में चुनावी माहौल चल रहा है ऐसे में मिर्ची बाबा ने अपना मुरैना दौरा किया और कॉन्ग्रेस प्रत्याशियों से मुलाकात की। एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ से बात करते हुए बाबा ने कहा कि, “मैं मुरैना आज से नहीं कई वर्षों से आ रहा हूं और इसकी स्थिति से काफी अच्छी तरीके से वाकिफ हूँ।” सीधे-सीधे बीजेपी पर निशाना साधते हुए बाबा बोले की घड़े में पानी ज्यादा दिन तक रखा रहे तो वह भी बांस मारने लगता है। अतः मुरैना की जनता को अब परिवर्तन की जरूरत है।

यह भी पढ़े… MP College : छात्रों के लिए राहत भरी खबर, व्यवसायिक कोर्स की फीस तय, कम हुए पाठ्यक्रम शुल्क

कुछ दिन पहले भी मिर्ची बाबा ने खूब सुर्खियां बटोरी। दरअसल, बीते दिनों हुआ ये की ग्वालियर में आयोजित एक प्रोग्राम बाबा स्टेज से उतर कर जमीन पर बैठ गए। जब मिर्ची बाबा से इसका कारण पूछा तो इस बात को काटते हुए पूरी भारतीय मीडिया को नारद मुनि की उपाधि दे डाली। उदयपुर में हुए नरसंहार के विषय में मिर्ची बाबा बोले “अब समय आ गया है आतंकवादियों और बलात्कारियों को माफ नहीं करना चाहिए और फिर क्या उन्होंने भारत में भी दुबई की तरह कानून व्यवस्था होने की बात तक कह डाली। हिंदू धर्म संरक्षण को लेकर बाबा ने कांग्रेस पार्टी को भी नहीं छोड़ा, उन्होंने कहा कि “कांग्रेसी अगर सनातन धर्म का संरक्षण नहीं करेगी तो समाप्त हो जाएगी।”

Continue Reading

About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है। अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"