इंदौर, आकाश धोलपुरे। इंदौर की एक युवती की शिकायत पर दर्ज हुए दुष्कर्म के मामले के आरोपी करण मोरवाल की गिरफ्तारी हो चुकी है। उज्जैन के बड़नगर से कांग्रेस विधायक मुरली मोरवाल (Congress MLA Murli Morwal) के आरोपी बेटे करण को पुलिस ने मक्सी के पास पकड़ा है। बताया जा रहा है दुष्कर्म का आरोपी कार से किसी अन्य ठिकाने पर जा रहा था उसी वक्त पुलिस ने घेराबंदी कर उसे गिरफ्तार किया है।
इंदौर (Indore Police) महिला थाना प्रभारी ज्योति शर्मा शुरुआत से इस मामले को लीड कर रही है। मंगलवार को दुष्कर्म आरोपी करण मोरवाल की गिरफ्तारी के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत की और बताया कि कैसे 25 हजार के इनामी आरोपी को पुलिस धरदबोचा। पलासिया स्थित महिला थाना प्रभारी ज्योति शर्मा ने बताया कि काफी समय पुलिस प्रयासरत थी और एक टिप मिलने के बाद क्राइम ब्रांच इंदौर और महिला थाना इंदौर की टीम ने संयुक्त कार्रवाई कर मक्सी के पास से आरोपी करण को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि जिस वक्त करण को गिरफ्तार किया उस समय वो कार में मूव कर रहा था।
महिला थाना प्रभारी ज्योति शर्मा ने बताया कि पुलिस करण के पीछे काफी समय से लगी थी और इसी के चलते वो अलग अलग स्थानों पर थोड़े थोड़े समय रुक कर वहां से भाग जाता था। जब उसके मूव करने की सूचना पुलिस को मिली तो कार्रवाई को अंजाम दिया गया। उन्होंने बताया करण को गिरफ्तार कर उसका मेडिकल कराया जा चुका है और उससे पूछताछ जारी है।
महिला पुलिस अधिकारी ने बताया कि करण को जिस वक्त पकड़ा गया उस वक्त उसके साथ राहुल राठौर नामक एक लड़का था। हालांकि, पुलिस अभी करण की फरारी में राहुल की संलिप्तता को लेकर विवेचना करेगी। पुलिस की माने तो मक्सी से एक कच्चा रास्ता निकलता जो ग्रामीण क्षेत्र की ओर जाता है वहीं से करण को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस अब दुष्कर्म के आरोपी कांग्रेस विधायक मुरली मोरवाल के बेटे करण मोरवाल को कोर्ट में पेश कर रिमांड की मांग करेगी।
बता दें कि राहुल जिस वक्त मीडिया के सामने आया उस वक्त उसने सिर पर कैप लगाकर मास्क से अपना चेहरा ढंक रखा था और नीली लोअर के साथ उसने लाल रंग की जैकेट पहन रखी थी। फिलहाल, 6 माह से फरार चल रहे करण मोरवाल की गिरफ्तारी हो चुकी है और अब पीड़िता को कोर्ट से न्याय मिलने की उम्मीद है।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....