इंदौर, आकाश धोलपुरे। मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर (Indore News) में अब पुलिस स्मार्ट प्रयास करते नजर आ रही है। हालाँकि पुलिस कमिश्नर प्रणाली (police commissioner system) धरातल पर 15 दिनों के बाद व्यापक पैमाने पर उतरेगी लेकिन अभी से पुलिस के जमीन से लेकर आसमान तक प्रयास शुरु हो गए हैं ताकि अपराध और अपराधियों पर नियंत्रण रखा जा सके।
दरअसल, इंदौर की विजय नगर पुलिस ने बीते वीकेंड पर अचानक जो वार किया उसने टीवी के मशहूर शो बिग बॉस के वीकेंड के वार की याद दिला दी जिसमे हफ्ते के आखरी दो दिनों में प्रतिभागियों पर एक्शन लेकर उन्हें शो से इविक्ट किया जाता है।
वीकेंड के वार की तर्ज पर इंदौर के पॉश और व्यस्ततम चौराहे विजय नगर पर पुलिस ने ड्रोन कैमरों के साथ संदिग्धों को पूछताछ के लिए रोका वहीं कैमरों की जद में तेज गति से वाहन चालकों को रोककर उन पर मोटर व्हीकल एक्ट की धाराओं के तहत कार्रवाई की गई। इसके अलावा शराब पीकर वाहनों से घूम रहे लोगों का पहले ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट किया गया और उनके खिलाफ चालानी कार्रवाई की गई।
हालांकि, इसके पहले कोरोना की दूसरी लहर के दौरान लोगो पर नजर रखने के ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था लेकिनपुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद ये साफ हो गया है इंदौर में स्मार्ट पुलिसिंग के जरिये न सिर्फ जमीन से अपराधियो पर नकेल कसी जाएगी बल्कि जरूरत पड़ने पर आसमान से ड्रोन के जरिये भी अपराधो को नियंत्रित किया जा सकेगा। वीकेंड पर इंदौर में चलाया गया चेकिंग अभियान पुलिस कमिश्नर प्रणाली का महज उदाहरण भर है इसके बाद तो पुलिस हाईटेक तरीके अपनाकर ही अपराध रोकने व कम करने का प्रयास करेगी।
विजयनगर थाना प्रभारी तहजीब काजी के मुताबिक विजय नगर चौराहे पर बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ चेकिंग अभियान चलाया गया है जिसमे चौराहे पर नजर रखने के लिए तीसरी आंख ड्रोन कैमरे का इस्तेमाल कर संदिग्धों पर नजर रखी गई। वही संदिग्ध लोगो की गाड़ियों को रोककर चेकिंग की गई और शराब पीकर देर रात पब व बार से निकलकर सड़को पर घूम रहे लोगों की ब्रेथ एनालाइजर मशीन से चेकिंग की गई और उनके चालान बनाकर उन्हें सख्त हिदायत भी दी गई है।
फिलहाल, हाईटेक हो रही इंदौर पुलिस के ड्रोन रवैये से अपराधियों में खौंफ पैदा हो गया है क्योंकि अब तक वो खुद को आसमान की ओर से खुद को महफूज समझते थे और वहां उन्हें केवल ऊपर वाले का खौंफ रहता था लेकिन अब ड्रोन कैमरो का डर उन्हें सता रहा है।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....