भावनाओं में बहकर फैसला न करें, चाणक्य नीति से सीखें तर्कपूर्ण निर्णय लेना!

निर्णय लेना जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है। हर दिन हम कई छोटे बड़े फैसले करते हैं, लेकिन कई बार हमें इसमें दुविधा भी होती है कि कौन सा निर्णय सही है और कौन सा गलत?

Sanjucta Pandit
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प्राचीन भारत के महान विद्वान अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और शिक्षक आचार्य चाणक्य को कौटिल्य या फिर विष्णु गुप्त के नाम से भी जाना जाता है। जिन्होंने चंद्रगुप्त मौर्य की मदद की थी। उनकी योजना और रणनीतियों के बिना नंद वंश के अत्याचारी राजा की हार निश्चित नहीं थी। इसलिए उन्होंने चंद्रगुप्त मौर्य को शिक्षा और शासन की कला में प्रशिक्षित किया। चाणक्य का व्यक्तित्व अत्यंत कठोर, दृढ़ निश्चयी और बुद्धिमानी था। वह अपने सिद्धांत और नीतियों पर हमेशा अडिग रहे। साथ ही बुद्धिमानी से राज्य की सुरक्षा भी की।

चाणक्य ने अपने अनुभवों के आधार पर कई सारे ग्रथों की रचना की। जिनमें अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र, चाणक्य नीति, कूटनीति आदि शामिल है। जिसमें राज्य व्यवस्था, अर्थ नीति, युद्ध नीति, प्रशासनिक कौशल, पारिवारिक संबंध सहित हर क्षेत्र में विस्तार पूर्वक वर्णन किया गया है।

चाणक्य नीति (Chanakya Niti)

आज के आर्टिकल में हम आपको चाणक्य नीति द्वारा बताई गई उन बातों को ध्यान में रखने के बारे में बताएंगे, जब आपको निर्णय लेने में दुविधा हो रही हो। उस दौरान इन बातों का ध्यान रखने से काम आसान हो जाएगा। निर्णय लेना जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है। हर दिन हम कई छोटे बड़े फैसले करते हैं, लेकिन कई बार हमें इसमें दुविधा भी होती है कि कौन सा निर्णय सही है और कौन सा गलत? फैसले से जीवन, करियर, परिवार सहित आसपास की चीजों पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। यह आगे चलकर चुनौती पूर्ण हो जाता है।

इन बातों का रखें ध्यान

  • चाणक्य नीति के अनुसार, आधी अधूरी जानकारी के आधार पर लिया गया निर्णय हमेशा गलत होता है। इसलिए किसी भी मुद्दे में फैसला लेने से पहले सब चीजों को अच्छी तरह से समझ लें, उसके बाद ही फैसला लें।
  • चाणक्य नीति के अनुसार, जल्दबाजी में लिया गया निर्णय हमेशा गलत ही साबित होता है। धैर्यवान व्यक्ति ही सच्ची सफलता को प्राप्त करता है। इसलिए जब स्थिति जटिल हो, तो कुछ समय तक विचार करें। भावनाओं में बहकर जल्दबाजी में कोई भी निर्णय न लें।
  • चाणक्य नीति के अनुसार, भावनाएं व्यक्ति को कमजोर बनाती है, जबकि तर्क उसे मजबूत करता है। इसलिए कोई भी फैसला लेते वक्त भावनाओं के बजाय तर्क को प्राथमिकता दें और उस आधार पर ही निर्णय लें।
  • आचार्य चाणक्य कहते हैं कि आत्मविश्वास ही सफलता की कुंजी होती है, इसलिए अपने निर्णय पर भरोसा रखें। सकारात्मक सोच बनाकर रखें। इससे जीवन में आने वाली सारी बाधाएं दूर होगी। स्वयं पर विश्वास रखकर ही फैसला करें।
  • चाणक्य नीति के अनुसार, बुद्धिमान वही है, जो दूसरों के अनुभवों से सीखता है। इसलिए जब भी कोई बड़ा निर्णय लेना हो, तो अनुभवी लोगों से सलाह लें। इसके बाद अपना अंतिम फैसला सुनाएं।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)


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Sanjucta Pandit

Sanjucta Pandit

मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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