पुलिस हिरासत में किसान की संदिग्ध मौत पर हाईकोर्ट सख्त, दिए यह आदेश, जानें पूरा मामला

Amit Sengar
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Gwalior Highcourt : मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने किसान सुरेश रावत की संदिग्ध मौत के मामले में बड़ा आदेश दिया है। साथ ही कोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपते हुए शासन को पीड़ित पक्ष को 20 लाख रूपए की क्षतिपूर्ति राशि देने के आदेश भी दिए हैं। और यह राशि शासन दोषी पुलिसकर्मियों से वसूलेगा।

क्या है पूरा मामला

बता दें कि साल 2019 में ग्वालियर जिले के बेलगढ़ा थाने में पुलिस अभिरक्षा में किसान सुरेश रावत की संदिग्ध मौत हो गई थी। इस मामले जस्टिस जीएस अहलूवालिया ने विवेचक पर 50 हजार रूपये का जुर्माना किया गया है और पुलिस के निलंबित पुलिस तत्कालीन स्टाफ से 20 लाख रूपये का जुर्माना किया गया है। जिसमें निलंबित एसएचओ विजयसिंह राजपूत 10 लाख रूपये, 5 लाख रूपये प्रधान आरक्षक अरूण मिश्रा, 2 लाख रूपये आरक्षक नीरज प्रजापति, 1 लाख रूपये आरक्षक धमेन्द्र विजय कुशवाह और होमगार्ड सैनिक अहसान खान से वसूल किये जाए। और 5 जनवरी 2023 तक हाईकोर्ट में जमा कराने का आदेश शासन को दिया है। साथ जस्टिस जीएस अहलूवालिया ने 64 पेजों के अपने आदेश में कहा है कि पुलिस से शुरू से आरोपियों को बचाने का काम किया है। केस में 6 पुलिसकर्मियों की लापरवाही सीधे तौर पर समाने आई है।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”