खेल, डेस्क रिपोर्ट। भारत द्वारा कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के लिए पदक जीतने की उम्मीद से बर्मिंघम भेजे गए 205 सदस्यीय दल में एक महज 14 साल की एथलीट भी मौजूद है, जो स्क्वाश में देश के लिए पदक पर कब्जा जमाने के इरादे से जद्दोजेहद करती हुई नजर आएगी। अनाहत शुक्रवार को शाम 4: 30 बजे महिला एकल स्क्वाश मुकाबले के लिए उतरेगी। कक्षा 9 में पढ़ने वाली अनाहत भारतीय दल की सबसे युवा प्रतिभागी है।
ऐसा मिला कॉमनवेल्थ का टिकट
अनाहत ने इससे पहले कभी अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रिय स्तर के किसी भी टूर्नामेंट में भाग नहीं लिया है। वह सीधे बड़े मंच पर ही अपने खेल से प्रभावित करने की कोशिश करेंगी। अनाहत ने राष्ट्रीय चयन ट्रायल में सभी को प्रभावित कर बर्मिंघम के लिए टिकट अर्जित किया। इससे पहले वह अंडर-11 में अपनी प्रतिभा का जलवा बिखेर चुकी है।
ऐसे चुना स्क्वाश
अनाहत 6 साल की उम्र में अपनी बहन अमीरा के साथ बैडमिंटन खेलती थी। धीरे-धीरे उनका लगाव स्क्वाश की तरफ ज्यादा हो गया। दरअसल, बैडमिंटन और स्क्वाश दोनों ही खेल रैकेट से खेले जाते है और कुछ चीजों को छोड़कर, दोनों में ज्यादा फर्क भी नहीं है। इस दौरान अनाहत की बहन पहले से ही नई दिल्ली के सीरी फोर्ट में स्क्वाश खेल रही थी। 8 साल की छोटी उम्र में उन्होंने पेशेवर कोचिंग लेना शुरू कर दिया और भारत के अलग-अलग शहरों में टूर्नामेंट में भाग भी लेने लगी। अनाहत के लिए स्क्वैश की शुरुआत मजेदार रही लेकिन उनकी असाधारण प्रतिभा ने उसे पेशेवर रूप से खेल को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।
ऐसा रहा अब तक का सफर
अनाहत ने अभी तक मात्र छह साल से भी कम समय में 46 राष्ट्रीय सर्किट खिताब, दो राष्ट्रीय चैंपियनशिप और आठ अंतरराष्ट्रीय खिताब जीते हैं। वह ब्रिटिश जूनियर स्क्वैश ओपन (2019) और यूएस जूनियर स्क्वैश ओपन (2021) जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी हैं।
इसके अलावा अनाहत को अपने खाली समय में पेंटिंग करना, पियानो बजाना भी पसंद है। लेकिन खेलों में उन्हें सिर्फ स्क्वाश ही पसंद है।