दरअसल गुजरात सरकार ने अपने कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के बाकी बच्चों को तत्काल प्रभाव से लागू करने का निर्णय लिया है इसके अलावा जो कर्मचारी 1 अप्रैल 2005 से पहले सरकारी सेवा में शामिल हुए हैं, उन्हें पुरानी पेंशन योजना और जनरल प्रोविडेंट फंड का लाभ दिया जाएगा। इतना ही नहीं उनके अन्य भत्ते में भी वृद्धि की घोषणा की गई है।
राज्य सरकार द्वारा सैलरी के अभिन्न हिस्से, सेंट्रल प्रोविडेंट फंड के 10% बढ़ाकर 14% करने का निर्णय लिया गया है। वहीं राज्य के कर्मचारियों को भी केंद्र के समान उच्च पे स्केल देने का फैसला किया गया है। कर्मचारियों को मेडिकल अलाउंस सातवें वेतन आयोग के तहत उपलब्ध कराए जाएंगे।
इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों के 15 मांगों पर विस्तृत निर्णय लिया गया है। पुरानी पेंशन योजना से जुड़ी कुछ मांगों को स्वीकार करते हुए राज्य के प्रवक्ता मंत्री जीतू वाघनी ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना को आंशिक रूप से लागू किया जा रहा है।
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इसके अलावा प्रदेश के कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के बकाए का भुगतान किया जाएगा। वही 2005 से पहले भर्ती किए गए कर्मचारियों को पुरानी पेंशन और पारिवारिक पेंशन योजना के लिए भारत सरकार के संकल्प 2009 को सरकार द्वारा स्वीकृत किया गया है। इसके अलावा सीसीसी परीक्षा की अवधि को भी बढ़ा दिया गया है दिसंबर 2024 तक कर्मचारियों को परीक्षा पास करना अनिवार्य होगा।
राज्य की नगरपालिका और महानगर पालिका में कार्यरत शिक्षकों को भी बड़ा लाभ दिया गया है दरअसल उन्हें 4200 ग्रेड पे का लाभ दिया जाएगा। 27 सितंबर 2011 से पहले भर्ती किए गए प्राथमिक शिक्षकों को सेवानिवृत्ति के साथ पूर्ण वेतन में शामिल किया गया है। वही महिला कर्मचारियों के लिए बड़ा फैसला लेते हुए रोजगार की मूल तिथि से 6 महीने की मेटरनिटी लीव लेने की हकदार रहेंगे।
मृतक के कर्मचारी के परिवार को दी जाने वाली सहायता राशि 8 लाख से बढ़ाकर 14 लाख की गई है। इसके अलावा सेवानिवृत्ति पर कर्मचारियों को ब्याज दर और कम्यूटेड पेंशन की अवधि में भी कमी की गई है। इसके अलावा सक्रिय सेवा में मृत्यु के मामले में दी जाने वाली सेवानिवृत्ति की राशि में भी वृद्धि की घोषणा की गई है। 45 वर्ष की सीमा के बाद कर्मचारियों को परीक्षा में लाभ देने का ऐलान किया गया है।