सर्दी का सुपरफूड मटर, पर जरूरत से ज्यादा खाने पर हो सकते हैं ये नुकसान।

हेल्थ, डेस्क रिपोर्ट। सर्दियों में हरी हरी मटर नजर आती है तो उन्हें खाने से हाथ रूक ही नहीं पाता, मटर छीलते छीलते ही कई दानें गोल हो जाते हैं जो बचे वो सब्जी, पराठें, कचोड़ी किसी भी अंदाज में खाने का जायका बढ़ा ही देते हैं। मटर के गुणों के चलते उसे सर्दियों का सुपरफूड भी कहा जाता है।

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मटर में फाइबर्स, एंटीऑक्सीडेंट्स काफी अच्छी मात्रा में मौजूद होते हैं जिस वजह से वो ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल पर काबू रखता है। साथ ही इसमें ए, ई, डी और सी विटामिन भी अच्छी मात्रा में होते हैं। पर, वो कहते हैं कि अति हर चीज की बुरी होती है।अगर आप जरूरत से ज्यादा मात्रा में मटर खाते हैं तो इसके कुछ साइडइफेक्टस भी आपको भुगतने पड़ सकते हैं।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।