Dabra News : अपनी ही सरकार में भाजपा नेताओं की हालत क्या हो गई है ये एक शिकायती पत्र बता रहा है, मामला प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के गृह जिले ग्वालियर के डबरा नगर का है, यहाँ के निवासी एवं डबरा नगर पालिका परिषद के पार्षद भाजपा नेता धर्मेन्द्र सिंह (हैप्पी) ने बिजली कंपनी के उप प्रबंधक को एक शिकायती पत्र दिया है जिसमें उन्होंने डबरा में पदस्थ AE सुरेन्द्र गुप्ता पर उन्हें धमकी देने की बात कही है।
दरअसल डबरा नगर के लोग लंबे समय से बिजली समस्या से जूझ रहे हैं, ऊर्जा मंत्री का जिला होने के बाद भी बिजली की समस्या है इतना ही नहीं शिकायतों पर अधिकारी भी ध्यान नहीं देते, इस बार तो मामला और भी गंभीर है, भाजपा नेता को ही अधिकारी द्वारा धमकी दिए जाने की बात सामने आई है।
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भाजपा नेता एवं वार्ड 11 के पार्षद धर्मेन्द्र सिंह हैप्पी ने बिजली कंपनी के उप प्रबंधक को एक शिकायती पत्र दिया है जिसमें उन्होंने जो लिखा है वो चौंकाने वाला और गंभीर है, भाजपा नेता ने लिखा कि मेरे वार्ड में बिजली की केबल टूटकर नीचे गिरी हुई हैं, इनके जगह जगह टुकड़े हो गए हैं, तार बाहर निकले हुए हैं जो कभी भी बड़ी दुर्घटना का रूप ले सकते हैं।
मैंने कई बार AE सुरेन्द्र गुप्ता से निवेदन किया तो उनका एक ही जवाब होता है कि केबल नहीं है कोई मरता है तो मर जाने दो, कल ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और सी ई राजीव गुप्ता, एस ई सुखीजा ग्वालियर से डबरा आये थे मैंने उनके सामने ये समस्या उठाई तो AE गुप्ता ने मुझे धमकी दी कि ये लोग तो अभी चले जायेंगे तुम दो दिन बाद मेरे पास ही आओगे देखता हूँ तुम कैसे काम करवाते हो?
खास बात ये है कि पार्षद धर्मेन्द्र सिंह नगर पालिका परिषद में लोक निर्माण, उद्यम विद्युत् एवं यांत्रिकी विभाग के प्रभारी सदस्य भी हैं, उन्होंने पत्र के अंत में लिखा है कि यदि मेरे वार्ड में कोई भी घटना होती है तो इसकी जिम्मेदारी AE सुरेन्द्र गुप्ता की होगी।
बहरहाल ये एक मात्र शिकायती आवेदन नहीं है ये अधिकारियों की निरंकुशता के साथ भाजपा की सरकार में उनकी ही पार्टी के नेताओं के हालात है। सबसे बड़ी बात तो ये है कि ये सब उस जिले में हो रहा है जो ऊर्जा मंत्री का गृह जिला है तो आप प्रदेश के अन्य जिलों के हालात समझ सकते हैं।
डबरा से अरुण रजक की रिपोर्ट
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....