Mandsaur News: इन दिनों देशभर में समलैंगिक विवाह (Same Sex Marriage) की चर्चा हो रही है। सुप्रीम कोर्ट में अब तक इस मामले में फाइनल सुनवाई नहीं की है। देश की बड़ी आबादी समलैंगिक विवाह के खिलाफ है। अलग-अलग स्थान पर लोग इसे लेकर विरोध प्रदर्शन भी कर रहे हैं। ऐसा ही कुछ नजारा मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में गुरुवार को देखने को मिला है। जहां दर्जनों महिलायें समलैंगिक विवाह का विरोध करती नजर आई।
विभिन्न संगठनों से जुड़ी महिलाओं ने सकल हिंदू समाज मातृशक्ति जिला मंदसौर के बैनर तले सुप्रीम कोर्ट द्वारा जल्द-से जल्द समलैंगिक व्यक्तियों के विवाह को विधि मान्यता न देने की मांग सामने रखी है। जिसे लेकर उन्होंने देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सीजेआई के नाम एक ज्ञापन जिला कलेक्टर दिलीप कुमार यादव को सौंपा है।
ज्ञापन में उन्होने कहा कि, “भारत आज सामाजिक, आर्थिक क्षेत्रों की अनेक चुनौतियों का सामना कर रहा है। इस स्थिति में विषयांतर्गत विषय को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सुनने एवं निर्गीत करने की कोई गंभीर आवश्यकता नही है। देश के नागरिकों की बुनियादी समस्याऐं जैसे गरीबी उन्मूलन, निशुल्क शिक्षा का क्रियान्वयन, प्रदूषण मुक्त पर्यावरण का अधिकार, जन संख्या नियंत्रण की समस्या देश की पूरी आबादी को प्रभावित कर रही है। जिसमें सुप्रीम कोर्ट द्वारा कोई जल्दी नही दिखाई गई।”
ज्ञापन में आगे कहा गया कि “भारत विभिन्न धर्मो, जातियों, उप जातियों का देश है। इसमें सदियों से केवल जैविक पुरूष और जैविक महिला के बीच शादी को मान्यता दी गई है। विवाह की संस्था न केवल दो विषम लैगिंकों ( Heterosexual Genders) का मिलन है, बल्कि मानव जाति की उन्नति भी है” हिंदू समाज मातृशक्ति द्वारा सौंपे गया ज्ञापन में कई अन्य गंभीर मुद्दों की चर्चा भी की गई है। इन मामलों को लेकर सभी हितबद्ध व्यक्तियों, संस्थाओं से परामर्श करने के लिए आवश्यक कदम उठाने की मांग भी की गई है। साथ ही समलैगिंग विवाह न्याय पालिका द्वारा वैद्य घोषित ना करने की मांग भी की गई है।
संजय गांधी उद्यान में सकल हिंदू समाज मातृशक्ति के सदस्य एकत्रित हुए। जिसके बाद शाम 4:00 संपूर्ण मातृशक्ति ज्ञापन के लिए वे लोग पुलिस नियंत्रण कक्ष की ओर रवाना हुए। ज्ञापन सौंपने के बाद महिलाओं ने अपनी उपस्थिति मंदसौर जिला मुख्यालय पहुंचकर दर्ज करवाई।
मंदसौर से कमलेश सारडा की रिपोर्ट
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Manisha Kumari Pandey
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