दिव्यांगजनों के लिए काम करने वाली संस्थाओं को लेकर शिवराज सरकार का बड़ा फैसला, कलेक्टर्स को दिए ये निर्देश

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। जबलपुर के निजी अस्पताल में हुआ अग्निकांड की घटना को शिवराज सरकार (Shivraj Government) बहुत गंभीरता से ले रही है। अग्निकांड के बाद जो खामियां और लापरवाही जिला प्रशासन के स्तर पर दिखाई दी उसने प्रदेश के स्वास्थ महकमे के जिम्मेदारों की पोल खोल दी है लेकिन अब सरकार हर स्तर पर चौकन्ना और दुरुस्त रहना चाहती हैं इसी क्रम में सरकार ने दिव्यांगजनों (Divyangjan) के लिए काम करने वाली सभी संस्थाओं के सुरक्षा ऑडिट कराने के निर्देश दिए हैं।

आयुक्त नि:शक्तजन कल्याण (Commissioner Disabled Welfare) संदीप रजक ने प्रदेश के सभी कलेक्टर्स से कहा है कि जिले में दिव्यांगों के लिये कार्यरत संस्थाओं का सक्षम अधिकारी से 15 दिन में सुरक्षा ऑडिट करवाकर प्रतिवेदन उपलब्ध कराएँ। न्यायालय आयुक्त नि:शक्तजन मध्य प्रदेश द्वारा एक अगस्त को जबलपुर के न्यू लाइफ मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल में लगी भीषण आग में उपचार के लिये भर्ती मरीज और स्टाफ की मृत्यु, फायर फाइटिंग सिस्टम की एनओसी एक्सपायर होने, जिम्मेदार अधिकारियों की मॉनिटरिंग में लापरवाही और सुरक्षा नियमों की अनदेखी पाई जाने पर स्व-संज्ञान लिया गया है।

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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....