दरअसल, केन्द्रीय कर्मचारी लंबे समय से सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाने की मांग कर रहे है।वर्तमान में 7वें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) 2.57 गुना है और बेसिक सैलरी 18000 है। सूत्रों की मानें तो केन्द्र सरकार नए साल में इस पर विचार कर सकती है और 2023 के अंत से पहले इसका लाभ दिया सकता है।संभावना है कि फिटमेंट फैक्टर 3 फीसदी से बढ़ाकर 3.68 फीसदी तक किया जा सकता है, जिसके बाद न्यूनतम वेतन में 8000 रूपए की एकमुश्त वृद्धि देखी जाएगी।
63000 से 96000 तक बढ़ेगी सैलरी
फिटमेंट फैक्टर 3 फीसदी बढ़ने पर मिनिमम बेसिक सैलरी 18000 से बढ़कर 21000 हो जाएगी और 3.68 फीसदी बढ़ने पर यह 26000 हो जाएगी। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी केंद्रीय कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18,000 रुपए है, तो भत्तों को छोड़कर उसकी सैलरी 18,000 X 2.57= 46,260 रुपए का लाभ होगा। 3.68 होने पर सैलरी 95,680 रुपये (26000 X 3.68 = 95,680) हो जाएगी यानि सैलरी में 49,420 रुपए लाभ मिलेगा।3 गुना फिटमेंट फैक्टर होने पर सैलरी 21000 X 3.00 = 63,000 रुपये होगी।
इसलिए उठ रही है मांग
फिटमेंट फैक्टर केन्द्रीय कर्मचारियों की मिनिमम सैलरी तय करने का एक बड़ा पैमाना माना है। इस फैक्टर के कारण ही केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में करीब ढाई गुना से अधिक की वृद्धि होती है। 7वें वेतन आयोग में जो Pay matrix बने है वे Fitment factor पर बेस्ड हैं, ऐसे में कर्मचारियों को मिलने वाली सैलरी में फिटमेंट फैक्टर का अहम रोल माना जाता है। ये कर्मचारी के भत्तों के अलावा उनकी बेसिक सैलरी (Basic Salary) और फिटमेंट फैक्टर आधार पर तय किया जाता है।संभावना है कि सरकार अगले साल 1 फरवरी 2023 को पेश होने वाले बजट के बाद इस मांग पर फैसला ले सकती है।
बता दे कि केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में भत्तों के अलावा दूसरे कंपोनेंट भी शामिल होते हैं। सैलरी में मंथली प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) और ग्रेच्युटी (Gratuity) के साथ EPF और ग्रेच्युटी बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते से जुड़ी होती है।हालांकि केंद्रीय कर्मचारी का EPF और ग्रेच्युटी कैलकुलेट करने के लिए अलग फॉर्मूला तय है और महंगाई भत्ते के लिए अलग। सभी भत्तों और कटौतियां के बाद CTC बनती है, इसके बाद केंद्रीय कर्मचारी की टेक होम सैलरी तय होती है, जो उनके खातों में ट्रांसफर की जाती है।