बेटी को बैंड बाजे के साथ घर लाने की ख्वाहिश, पैसे कम पड़े तो किया ये अनूठा काम

Celebrated the birth of daughter : बेटे के जन्म पर खुशियां मनाते तो हमने कई लोगों को देखा होगा लेकिन आज भी कई स्थानों पर बेटी के जन्म पर लोगों के चेहरे बुझ जाते हैं। जागरूकता और परिवर्तन की तमाम कोशिशों के बावजूद कई लोग नहीं चाहते कि उनके घर बेटी जन्मे। ऐसे में अगर कोई बेटी पैदा होने पर इतना खुश हो जाए कि उसे घर लाने के लिए तमाम तामझाम कर डाले, तो चर्चा होना लाजमी है।

बेटी के जन्म की मुराद हुई पूरी

ये मामला है बिहार के बेगूसराय का। नगर निगम के वार्ड नंबर 42 बिशनपुर नौलखा में रहने वाले टुनटुन कुमार सोनू के पहले से दो बेटे हैं। तीसरी बार जब उनकी पत्नी जूली कुमारी गर्भवती हुई तो वो चाहते थे कि उनके यहां बेटी का जन्म हो। 23 जनवरी को उनकी पत्नी ने अस्पताल में एक प्यारी सी बेटी को जन्म दिया। बस फिर क्या था..खुशी से फूले टुनटुन कुमार की तो जैसे सारी मुराद ही पूरी हो गई। उन्होने तय किया कि अपनी बेटी को गाजे बाजे के साथ घर लेकर आएंगे।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।