दरअसल,राज्यसेवा परीक्षा 2019 की प्रारंभिक परीक्षा जनवरी 2020 में आयोजित की गई थी और दिसंबर 2020 में इसके परिणाम जारी हुए थे, इसी आधार पर मार्च 2021 में मुख्य परीक्षा आयोजित की गई थी और फिर इसके परिणाम जारी होने के इंटरव्यू के लिए चयनित उम्मीदवारों की सूची भी घोषित गई, लेकिन जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब पीएससी को प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट नए नियमों के अनुसार बनाना पड़ेगा।हाई कोर्ट ने पुराने भर्ती नियम यानी राज्यसेवा नियम 2015 के हिसाब से रिजल्ट को संशोधित कर जारी करने आदेश दिया है।
इसके तहत अब राज्यसेवा भर्ती नियम-2015 को लागू कर नया रिजल्ट तैयार किया जाएगा, ऐसे में पुराने परिणाम के आधार पर हो चुकी मुख्य परीक्षा पर भी संकट गहरा गया है। प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट बदलने से मुख्य परीक्षा के सफल उम्मीदवारों की पुरानी सूची में भी बदलाव होगी जिससे कई उम्मीदवार अंदर तो कई बाहर हो सकते है। इधर, संशोधित रिजल्ट जारी करने से पहले अब पीएससी को ओबीसी आरक्षण के लंबित मामले पर अंतिम निर्णय का इंतजार है, ताकी रिजल्ट में बदलाव ना करना पड़े।
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सूत्रों की मानें तो राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा-2019 का आयोजन सरकार के आदेश अनुसार आरक्षण के नए नियम के आधार पर किया गया। इसमें आरक्षित वर्ग को आरक्षित सीटों पर ही मौका दिया लेकिन मेरिट के बेस पर अनारक्षित सीट नहीं दी गई, ऐसे में मामला हाई कोर्ट में पहुंच गया और 7 अप्रैल को हाईकोर्ट ने राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2015 के आधार पर राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2019 का रिजल्ट घोषित करने के आदेश दिए। हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार प्रारंभिक परीक्षा 2019 का रिजल्ट घोषित किया जाएगा और फिर उसके आधार पर मुख्य परीक्षा का आयोजन एक बार फिर किया जाएगा। कुल मिलाकर एमपीपीएससी 2019 पर संकट मंडरा रहा है।