RBI ने महंगाई को लेकर कही बड़ी बात, अगले साल तक मिलेगी जनता को राहत, पढ़ें पूरी खबर

rbi jobs

नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। महंगाई को काबू में करने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया(RBI) लगातार कई कदम उठा रहा है। हाल ही में आरबीआई ने रेपो रेट में वृद्धि कर दी है। बढ़ती महंगाई ने आरबीआई की चिंता भी बढ़ा दी है, जिसके कारण सेंट्रल बैंक लगातर ब्याज दरों में वृद्धि कर रहा है। एक बार फिर आरबीआई ने महंगाई को लेकर बड़ा बयान दिया है। आरबीआई के मुताबिक अगले साल तक जनता को महंगाई से राहत मिल सकती है। आरबीआई ने मोनेटरी पॉलिसी रिपोर्ट सितंबर 2022 में यह कहा की अगले वित्त वर्ष में लोगों को महंगाई से राहत मिल सकती है। बस इसके लिए कुछ शर्तों को पूरा करना अनिवार्य होगा।

यह भी पढ़े…मार्केट में जल्द होगी Maruti की नई इलेक्ट्रिक WagonR की एंट्री, 250 किलोमीटर की रेंज, जानें कब होगी लॉन्च

आरबीआई के मुताबीक यदि अगले वित्त वर्ष में सामान्य मानसून और आपूर्ति शृंखलाओं में कोई रुकावट नहीं होती है तो अनुमान है की अगले वित्त वर्ष तक जनता को महंगाई से राहत मिल सकती है। आरबीआई के अनुमान के मुतबबिक वर्ष 2023-24 में महंगाई दर 5.2% तक रह सकती है। फिलहाल महंगाई दर 6.7% है, अगले वर्ष तक इसमें 1.5% की कमी हो सकती है, आरबीआई ने ऐसे अनुमान लगाए हैं। मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए आरबीआई के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की 4 तिमाहियों में खुदरा महंगाई दर तय सीमा से ऊपर बनी रहेगी। इस दौरान महंगाई दर 5.8% तक बनी रह सकती है। वहीं अनुमान है की अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में महंगाई दर घट कर 5% तक पहुँच सकता हैं।


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है। अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"