मंत्री जी बोले “किसानों के पास नहीं है जहर खाने के भी पैसे”

Manisha Kumari Pandey
Published on -

अशोकनगर, हितेन्द्र बुधौलिया। प्रदेश सरकार के एक मंत्री का बयान सरकार के लिए मुसीबत बन गया है। जिला समिति की बैठक में मंत्री जी बोल बैठे कि किसानों के पास जहर खाने के भी पैसे नहीं है। मंत्री जी की इस बयान पर कांग्रेस जमकर बवाल काट रही है।

यह भी पढ़े … PM Kisan: इस दिन जारी होगी 11वीं किस्त, अटक सकते है 2000, जल्द अपडेट करें ये डिटेल

अशोकनगर जिले में जिला समिति की बैठक में प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने जिले भर के अधिकारियों की क्लास ली। मंत्री जी जब क्लास ले रहे थे तब एक दूसरे मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव बिजली बिलों का रोना रो रहे थे। उन्होंने मंत्री जी से कहा कि बिजली विभाग लगातार बिलों की वसूली में लगा हुआ है और ऐसा ना होने पर बिजली काटी जा रही है। हालत यह है कि आज की हालत में किसान के पास जहर खाने के लिए भी पैसे नहीं है क्योंकि उसकी फसल ओलावृष्टि और अतिवृष्टि से खराब हो चुकी है। मंत्री जी ने भरोसा दिलाया कि आने वाली फसल अच्छी होगी और 90% किसान हर हाल में बिजली के बिल जमा कर देंगे। लेकिन अभी बिजली नहीं काटी जाए क्योंकि स्कूलों की परीक्षा चल रही है।

Continue Reading

About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है। अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"