इस साल यह त्योहार 13 अप्रैल दिन शनिवार को मनाई जाएगी। बता दें कि इस दौरान 2 शुभ योगों का निर्माण हो रहा है, जिससे जातकों को अच्छे फलों की प्राप्ति होगी। दरअसल, यह दोनों योग लोगों के लिए अत्यधिक शुभ माना जा रहा है।
इन योगों का हो रहा निर्माण
महत्व
दरअसल, यह त्योहार मुख्य रुप से किसानों को समर्पित होता है। जब किसान अपनी मेहनत और प्रयास के लिए ईश्वर को धन्यवाद देते हैं। साथ ही भगवान से फसल की अच्छी उपज के लिए आभार व्यक्त करते हैं। इस दिन किसान अपनी फसल की कटाई करते हैं, जिसे नए साल के रुप में बनाया जाता है। इस खास मौके पर लोग अपने घरों को सजाते हैं, नए कपड़े पहनते हैं। सभी के घरों में तरह-तरह के पारंपारिक पकवान बनाएं जाते हैं।
खरमास का समापन
वहीं, बिहार, झारखंड समेत कई पूर्वी राज्यों में इस दिन सत्तू खाने की परंपरा है। बता दें कि सत्तू जौ, चन को पीसकर बनाया जाता है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, इस दिन स्नान करने का विशेष महत्व है। लोग सुबह नदी में जाकर स्नान करते हैं और फिर विधिपूर्वक सत्तू को आम की चटनी के साथ खाते हैं। इस दिन से खरमास का समापन होता है, जिसके बाद से सभी मांगलिक कार्यक्रम शुरू हो जाते हैं। इसके अलावा, यह रबी की फसलों के पकने का समय होता है।
इस दिन करें दान
इस दिन गरीबों में चावल, दाल, आटा, कंबल, किताबें, कपड़े, जूते-चप्पल आदि का दान करना अच्छा माना जाता है। दान करने से उन्हें न केवल आत्मिक आनंद मिलता है, बल्कि समाज में भी मान-प्रतिष्ठा बढ़ती है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)